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Showing posts from February, 2020

Institutions' founders in the world

Q.No: 6: Lion’s Club Ans: Melvin John Q.No: 7: Salvation Army Ans: William Booth Q.No: 8: Nursing System Ans: Florence Nightingale Q.No: 9: Fascism Ans: Benito Mussolini Q.No: 10: Protestant Religion Ans: Martin Luther 

Institutions' founder in the world

Q.No: 1: United Nations Ans: Joseph Stalin (USSR), Winston Churchill (UK) and Franklin Delano Roosevelt (USA) Q.No: 2: Red Cross Ans: Jean-Henri Dunant Q.No:3: Boy Scouts Ans: Baden Powell Q.No4: Y.M.C.A. Ans: Sir George Williams Q.No: 5: Kindergarten Ans: Froebel

अगस्टाइन के राज्य विषयक विचार

अगस्टाइन के राज्य विषय विचार अगस्टाइन के राज्य की उत्पत्ति संबंधी विचार अरस्तु तथा परंपरागत ईसाई विचारधारा से प्रभावित है और वस्तु के समान एक स्थान पर वह राज्य की उत्पत्ति का कारण व्यक्ति की समुदाय प्रवृत्ति बताता है और दूसरे स्थान पर ईसाई विचारधारा के अनुसार आदमी परिणाम का पाप मानता है अगस्टाइन के अनुसार ईश्वर ने पापों को दबाने के लिए और दुष्ट प्रवृत्तियों का निषेध करने के लिए राज्य का निर्माण किया ईश्वर द्वारा निर्मित होने पर भी है शैतान का राज्य क्योंकि इनकी स्थापना की नीतियों को विकसित करने के लिए नहीं वरन दुष्ट प्रवृत्तियों का सम्मान करने के लिए की गई और न्याय में कानून तथा एकता के लिए कोई स्थान नहीं

संत अगस्टाइन के मुख्य राजनीतिक विचारों की विवेचना

संत अगस्टाइन के मुख्य राजनीतिक विचारों की विवेचना संत अगस्टिन यूनानी यों की भांति राजनीतिक चिंतक तथा रो मनो की भांति भी विधिवेत्ता नहीं था। वह चर्चा संस्थापक एवं धर्म उपदेशक था और उसने ईसाई मत तथा आध्यात्मिक से प्रेरित होकर राजनीतिक विचारों का प्रतिपादन किया । अगस्टाइन ने इस बात पर बल दिया कि विश्व में सभी चीजों का कारण ईश्वर है और इतिहास ईश्वर की ना जाने जा सकने वाली इच्छा का प्रकट रूप है उसने कहा कि इस पृथ्वी पर सभी वस्तुएं ईश्वरी राज्य की स्थापना की ओर जा रही हैं अगस्टाइन की दो राज्यों की धारणा राजनीतिक विचारों के क्षेत्र में अगस्टाइन के सबसे महत्वपूर्ण विचार दो राज्यों की धारणा के रूप में है।  उसके द्वारा दो राज्यों की धारणा के प्रतिपादन का उद्देश्य ईसाई धर्म को प्रतिष्ठित करना है। उसका विश्वव्यापी प्रसार और एक सार्वभौमिक इसाई संघ की स्थापना लिए सैद्धांतिक पृष्ठभूमि तैयार करना था।की अगस्टाइन की धारणा के दो राज्य हैं- सांसारिक राज्य या शैतान का राज्य और ईश्वरी राज्य। उसने इन दो राज्यों की धारा का प्रतिपादन व्यक्ति के दोहरे स्वभाव के आधार पर किया है उसके विचार अनुसार व्यक...

मैक्यावली आधुनिक युग का जनक है और अपने युग के शिशु के रूप में

मैक्यावली आधुनिक युग का जनक है और अपने युग के शिशु के रूप में  प्रोफेसर डैनिंग के अनुसार यह है कि यह प्रतिभा संपन्न फ्लोरेंस वासी वास्तविक अर्थ में अपने युग का शिशु था। मैकियावेली पर एकदम उपयुक्त विचार प्रतीत होता है मैक्यावली का युग पुनर्जागरण का युग था। और इसी कारण इसे पुनर्जागरण का प्रतिनिधि विकास जाता है मैकियावेली अपने युग से जितना प्रभावित हुआ उतना बहुत ही कम लोग अपने युग से प्रभावित होते हैं मैकियावेली अपने युग का एक हिस्सा दार्शनिक और पर्यवेक्षक है जिसने समकालीन परिस्थितियों को सही और यथार्थ रूप में देखा उस समय की सामाजिक व राजनीतिक बुराइयों का अनुभव किया जागरण योग्य कि जिन बातों ने मैक्यावली पर सबसे गहरा प्रभाव डाला उसके राजनीतिक दर्शन की रूपरेखा निर्धारित की जिसके कारण उसे अपने युग का शिशु कहा जाता है उन्हें निम्नलिखित शिक्षकों के अंतर्गत रखा जा सकता है 1. शक्तिशाली राजस्थान दरों की स्थापना और राज्य वाद के समाप्त होने के बाद निरंकुश राजतंत्र की स्थापना इंग्लैंड फ्रांस और स्पेन में हो गई यह राज्यसभा शासकों के नेतृत्व में दिन-प्रतिदिन शक्तिशाली और समृद्ध साले होते जा र...

सोनभद्र(sonbhadra), सोने की खान

सोनभद्र सोनभद्र या सोनभद्र उत्तर प्रदेश, भारत के क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा जिला है।  प्राचीन समय से भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता है इसका कारण है कि भारत कई जगहों पर सोने की खान की असीमित भंडार होना माना  जाता है सोनभद्र  जिले की सोन पहाड़ियों में सोने की भंडार मिलने से इस जगह का नाम सोन नाम से प्राचीन समय से जाना जाता है इस के आस पास के इलाके को सोनांचल क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है भारत का एकमात्र जिला है जो पश्चिम में चार राज्यों अर्थात् दक्षिण में छत्तीसगढ़, दक्षिण पूर्व में झारखंड और उत्तर-पूर्व में बिहार की सीमा में आता है।  जिले का क्षेत्रफल 6788 वर्ग किमी और 1,862,559 (2011 की जनगणना) की आबादी है, जिसकी जनसंख्या घनत्व 270 व्यक्ति प्रति किमी² है। यह राज्य के दक्षिण-पूर्व में स्थित है और मिर्जापुर जिले से उत्तर-पश्चिम, चंदौली जिले तक घिरा हुआ है।  उत्तर में, बिहार राज्य के कैमूरंद रोहतास जिले, उत्तर पूर्व में झारखंड राज्य का गढ़वा जिला, दक्षिण में छत्तीसगढ़ राज्य का बलरामपुर जिला और पश्चिम में मध्य प्रदेश राज्य का सिंगरौली जिला है।  जिला मु...

अरस्तु के परिवार,संपत्ति और दासता संबंधी विचारों

अरस्तु के परिवार,संपत्ति और दासता संबंधी विचारों   अरस्तु परिवार संस्था को मानव जीवन के लिए स्वाभाविक आवश्यक और उपयोगी मानता है और लिखता है कि परिवार विकसित समुदायों में सबसे प्रमुख समुदाय है।जो मनुष्य द्वारा अपने दैविक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए संगठित किया जाता है अरस्तु के अनुसार परिवार एक प्राकृतिक संस्था है जिसका अस्तित्व व्यक्ति की कामवासना संतानोत्पत्ति प्रेम त्याग और अन्य प्रवृत्तियों के साथ जुड़ा हुआ है। परिवार का आधार विवाह है। जो अपने आप में एक पवित्र संस्था है परिवार राज्य का आधार और राज्य की ही भांति प्राकृतिक है। ऐतिहासिक दृष्टि से परिवार ने ही राज्य की उत्पत्ति को संभव बनाया है अरस्तू प्लेटो के समान स्त्री-पुरुष की समानता में भी विश्वास नहीं करता उसके अनुसार पुरुष का विशेष आदेश देना और स्त्री का विशेष गुण आदेश का पालन करना है। इस दृष्टि से वस्तु के परिवार मिस्त्री का कार्य पुरुष के आदेश का पालन करना है। अरस्तू बेटों की तुलना में रविवार को एक दूसरे से भिन्न मानता है वह कहता है। कि राज्य के अंतर्गत शासन और शासित के रूप में केवल एक ही प्रकार संबंध होता है। लेकिन परि...